अभी श्राद्ध पक्ष चल रहे है और हिन्दू धर्म में श्राद्ध पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति हेतु पितृ तर्पण करने की प्रथा है | हर इंसान ये चाहता है कि श्राद्ध पक्ष के इन 16 दिनों में वो अपने पूर्वजो का श्रद्धा तथा भक्ति से श्राद्ध निकाले और पितरों की शांति और प्रसन्नता के लिए हर संभव प्रयास करे | हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध पक्ष में दान का भी काफी महत्व है और ऐसा कहा जाता है कि यथाशक्ति उचित वस्तुए दान देने से पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और साथ ही साथ पितृ दोष भी ख़त्म हो जाते है | तो जानिए है क्या है वो चीजे जिनको श्राद्ध पक्ष के दौरान दान करने से आपके पितरों को शांति मिलती है और क्या दान करने से क्या फल मिलता है ?
गौ (गाय) दान : धार्मिक मान्यताओ के अनुसार गौ दान श्रेष्ठ माना गया है और श्राद्ध पक्ष में अगर आप पितृ तर्पण में गौ दान करते है तो ये हर सुख और धन संपत्ति देने वाला होता है |
घृत (घी) दान : पितृ शांति के लिए गाय का घी एक स्वच्छ पात्र में रखकर दान देना भी परिवार के लिए अत्यंत शुभ और मंगलकारी होता है |अन्न (अनाज) दान : अन्न दान में गेहूं या चावल का दान करना चाहिए हालाँकि अगर गेहूं या चावल न हो तो कोई दूसरा अनाज भी दान स्वरुप दिया जा सकता है | इस दान को संकल्प सहित करने पर ये आपको मनचाहा फल देगा |
भूमि दान : अगर आप पितृ पक्ष में संपत्ति या संतान लाभ कमाना चाहते है तो श्राद्ध पक्ष में किसी कमजोर या गरीब व्यक्ति को भूमि का टुकड़ा यथाशक्ति दान दे |
स्वर्ण दान ( सोने का दान ) : सोने का दान देना कलह का नाश करता है परन्तु अगर सोने का दान देना संभव न हो तो दान के निमित्त धन का भी दान किया जा सकता है |
वस्त्र दान : पितृ पक्ष में अगर आप चाहते तो किसी जरुरतमंद या ब्राह्मण को वस्त्र दान भी कर सकते है | वस्त्र दान में स्वच्छ धोती और दुपट्टा दो वस्त्र का दान दिया जाता है
रजत दान (चांदी का दान) : पितरों को संतुष्ट करने के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए चांदी का दान करना भी वेदों में वर्णित है |
तिल का दान : श्राद्ध पक्ष में पितरों के तर्पण के लिए काले तिलों का दान संकट और मुसीबतों से आपकी रक्षा करेगा |
लवण दान (नमक का दान) : अपने पितरों को संतुष्ट करने और उन्हें प्रसन्न रखने के लिए नमक के दान का भी अत्यंत महत्व है और
गुड दान : गुड दान को भी पितृ पक्षों में पित्र दोष से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है और समस्त दुखो का नाश करने वाला माना गया है |पित्र तर्पण के लिए आपको ब्राह्मण भोजन के बाद दानादि करने का संकल्प करना होता है जो की इस प्रकार है –
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णु अद्य यथोक्त गुण विशिष्ट तिथ्यादौ… गौत्र… नाम ममस्य पितरानां दान जन्य फल प्राप्त्यर्थं क्रियामाण भगवत्प्रीत्यर्थं गौनिष्क्रय/ भूमि निष्क्रय द्रव्य वा भवते ब्राह्मणाय सम्प्रददे।
पितृ तर्पण की प्रक्रिया में भोजन और दानादि के पश्चात आपको
ॐ विष्णवे नम:, ॐ विष्णवे नम:, ॐ विष्णवे नम:
कहकर समापन करे |
Original Source: http://hindi.socialsach.com/10-things-to-offer-during-shradh-paksh-for-pitra-dosh-shanti/
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