बीते दिनों जम्मू के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले को भयावह करार दिया है। इसी बीच बीजेपी की उन्नाव से सांसद कुलदीप संगर के खिलाफ भी उन्नाव के माखी गाँव की एक महिला ने बलात्कार की शिकायत दर्ज करायी पर उत्तर प्रदेश पुलिस की कारगुजारी देखिये पीडिता की FIR तक दर्ज नहीं की गयी | इतना ही नहीं पीडिता को जब उसके पिता ने न्याय दिलाने की कोशिश की तो कथित तौर पर कुलदीप संगर के गुंडों ने उसके पिता को मार मार कर अधमरा कर दिया और पुलिस स्टेशन के लॉकअप में छोड़ दिया जिससे उसकी मौत का कारण लॉकअप में हुई मौत लगे |
पीडिता के पिता की मौत का कारण पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में बड़ी आंत के फटने के कारण होना बताया गया | इस वक्त सोशल मीडिया कठुआ गैंगरेप और हत्या के मामले में लंबे-लंबे पोस्ट से भर चुका है। हर जगह बच्ची को इंसाफ दिलाने की बातें हो रही हैं। इन दोनों घटनाओ के आक्रोश में लोग देश भर में विरोध कर रहे है।
हालांकि, कठुआ गैंगरेप धर्म और राजनीति के बीच उलझ गया। हिंदू-मुस्लिम आधार पर कठुआ में वकीलों के जरिए क्राइम ब्रांच को चार्जशीट फाइल से रोकने की हरकत की, इसकी हर तरफ निंदा हो रही है। हालाँकि महबूबा मुफ्ती ने एलान किया है कि इंसाफ में किसी तरह की रुकावट बर्दास्त नहीं की जाएगी, इस मामले में जल्द ही इंसाफ होगा ।
देशवासी हर जगह आंदोलन कर के जल्द ही इंसाफ की मांग कर रहे है और दोषियों को तुरंत हिरासत में ले और कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे है। आख़िरकार कब तक देश में धर्म और राजनीति की लड़ाई में आसिफा जैसे और कितने मासूम बच्चों को अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ेगी और कब तक अनगिनत बच्चो को अकल्पनीय यातनाओं का शिकार होना पड़ेगा।
तरस आता है उन लोगों की घटिया सोच पर जो लोगों की हिफाजत के लिए पुलिस में भर्ती होते हैं, मगर अपने शरीर की हवस को पूरा करने के लिए 8 साल की बच्ची तक को कुचल देते है और वो भी मंदिर जैसी पवित्र जगह पर । इतना ही नहीं, इस केस में बच्ची का केस लड़ रही वकील दीपिका सिंह राजावत को भी ये केस लड़ने पर धमकियां मिल रही हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कठुआ गेंगरेप बकरवाल समुदाय जो की मुस्लिम दलित समाज का हिस्सा है को एक सोची समझी साजिश के तहत सबक सिखाने के लिए 8 साल की बच्ची आसिफा को अगवा किया गया और बलात्कार करने के बाद सबुत मिटाने के उद्धेश्य से पत्थर से कुचलकर मासूम की हत्या कर दी गयी |
लेकिन हाँ इन सब के बावजूद आसीफा के पूरे परिवार को अब भी भरोसा है कि उनको इंसाफ मिलेगा।
बीते दिनों में सुप्रीम कोर्ट के सिर्फ SC/ST एक्ट में फ़ौरन या तुरंत गिरफ़्तारी वाले नियम की समीक्षा करने भर के फैसले ने देश के दलित समुदाय में इस कदर गुस्सा भर दिया की दलित समुदाय ने 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद का एलान कर दिया और सभी दलित लोग दंगाइयो की भांति सड़क पर उतर आये और आम जनजीवन को अस्त व्यस्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी | इस आन्दोलन को कांग्रेसियों ने अपनी राजनीतिक रोज़ी रोटी सकने के काम में लिया और भाजपा को दलित विरोधी राजनीति का जनक बता दिया | इन लोगो को कोई ये पूछने वाला भी ना था की भाई तुमने 60 साल तक दलित दमन राजनीती खेली उसका क्या ?
देश में इतना सब कुछ बवाल हो रहा है और वो भी सिर्फ धर्म और जात-पात के नाम पर कि आम आदमी के मन में गुस्से का एक गुब्बार उठ रहा है और वो जल्दी ही भयावह रूप ले लेगा | कई लोगो ने आसिफा का नाम सुनते ही उसे आतंकवादी का तमगा दे दिया इन दकियानूसी सोच वाले लोगो को जो जात पात और धर्म का नाम सुनते ही अपना आप खो बैठते है और अपने धर्म की महिमा का बखान करने से ज्यादा दुसरे के धर्म का मखौल उड़ाने में अपनी शान समझते है | प्रधानमंत्री मोदी जाने किस मिटटी के बने है की देश में इतनी अराजकता का माहौल होने के बाद भी उन्होंने अपने मन की बात कहने में 7 दिन लगा दिए | इससे भयावह स्थिति क्या होगी की जिसे देश का शाशक चुना गया है जब वह खुद इस तरह की स्थिति उत्पन्न कर दे |
बहरहाल, देश में अमानवीयता की हदे पार हो चुकी है और हर बार की तरह इस बार भी आंदोलन की ज्वाला भड़क चुकी है। पर क्या ये पर्याप्त होगी क्योकि दिल्ली के निर्भया कांड की तरह इस बार भी हम विद्रोह करेंगे मोमबत्तिया जलाके कैंडल मार्च निकल लेंगे पर हम सब अपनी धर्म और जात पात देखती और पाशविक सोच को कैसे बदल पाएंगे जो हमारे अन्दर ही है | निर्भया कांड में वक्त कई नेताओ ने बयान देते हुए कहा था की लड़कियों को अपने पहनावे पर ध्यान देने चाहिए जिससे बलात्कार करने वाले व्यक्ति के मन में गलत ख्याल ना आये वही किसी ने कहा कि लड़कियों को रात को बाहर निकलना नहीं चाहिए जिससे की वो सुरक्षित रह सके |
आसाराम के कथनानुसार निर्भया केस में अगर लड़की बलात्कारी को भैय्या बोल देती तो वो उसे छोड़ देता | शर्म आती है हमें ऐसे लोग की सोच पर जो समाज के ठेकेदार बने हुए है और बावजूद इसके कि वो किसी को न्याय दिला पाए, वो ये साबित करने में जुट जाते है कि फलां लड़की या फलां धर्म विशेष की ही गलती है |
हम लोगो से विनती करते है की धर्म की राजनीति कर रही किसी भी पार्टी का साथ ना देकर मानव धर्म का पालन करे और देश को सुरक्षित बनाने में मदद करे वरना आप आगे आने वाली पीढ़ी को सिवाय दंगो और फसाद के और कुछ नहीं दे पायेंगे | राजनितिक दल अपने फायदे के लिए धर्म को मुद्दा बनाकर आपस में ही लड़ाना चाहते है जिससे की वास्तविक मुद्दों पर आपका ध्यान ही ना जाये | देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझे और धर्म और जात पात से अपने आप को उठाकर देश और समाज के विकास के बारे में सोचे | इसी में सबका भला है |
Original Source: http://hindi.socialsach.com/is-kathua-and-unnao-rape-case-denoting-start-of-dangerous-change-in-society/
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